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पीआरआइ के जिम्‍मेदारीपूर्ण निवेश बैठक में आतिथ्‍य सत्‍कार में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशंस इन्‍वेस्‍टमेंट प्रमोशन ऑफ डिसेंट वर्क एंड डेवलपमेंट के बारे में चिंता जाहिर की गई

  • Thursday, September 20, 2018 2:55PM IST (9:25AM GMT)
 
San Francisco, United States:  
ग्‍लोबल लेबर जस्टिस ने निम्‍न को जारी किया है:

इस साल की पीआरआइ में, जिसे दुनिया का प्रमुख जिम्‍मेदारीपूर्ण निवेश सम्‍मेलन घोषित किया गया, शैरन बरो, इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कंफडरेशन के महासचिव ने चुनौती दी कि क्‍या वैश्विक रूप से ब्रांडेड होटलों में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आइएफसी) का निवेश वास्‍तव में सम्‍मानित कार्य और विकास को बढ़ावा देता है। बरो ने कहा, “विकास संबंधी ऋण सिर्फ वैश्विक वित्‍तदाताओं को नहीं बल्कि कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने वाले होने चाहिये। आतिथ्‍य सत्‍कार निवेश के माध्‍यम से विकास में यह अवश्‍य सुनिश्चित करना चाहिये कि हर स्‍तर पर ट्रेड यूनियंस के साथ जुड़ाव स्‍थापित हो।” बरो की प्रतिक्रिया आइएफसी को हाल में भेजे गये पत्र से संदर्भित थी जिसमें आइएफसी ऋण प्राप्किर्ताओं के लिए परिचालन करने वाले होटल्‍स मैरिएट में लेबर (मजदूर/श्रम) से संबंधित विभिन्‍न मुद्दों के बारे में चिंता जाहिर की गई है।

आइएफसी से ऋण लेने के लिए प्राप्तिकर्ता एवं कंपनियों जिनके साथ वे श्रम एवं कामकाजी परिस्थितियों पर प्रदर्शन मानदंड, के अंतर्गत परियोजना पर विकास के लिए श्रम मानदंड सुनिश्चित करने के लिए अनुंबध करते हैं, को 2012 में अद्यतन किया गया था। ऋण लेने वाले आवेदकों के पास उनके आवेदन के साथ एक आर्थिक एवं सामाजिक ऐक्‍शन प्‍लान होना जरूरी है जिसमें परियोजना के प्रत्‍येक चरण में मानकों को पूरा करने के लिए ठोस कदम का खुलासा किया गया हो। आइएफसी अपने ऑनलाइन इनफॉर्मेशन पोर्टल के जरिये इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्‍ध कराती है।

इस साल की पीआरआइ में की गई चर्चा आइएफसी और निजी ऋणदाताओं के लिए आतिथ्‍य क्षेत्र में निजी क्षेत्र निवेश हेतु “सामान्‍य तौर पर कारोबार” के अभिगम को बदलने का संकेत देती है जोकि आइएफसी के अलावा निवेश करते हैं। जो निवेशक नोटिस पर हैं, वे आइएफसी, इसके लोन प्राप्तिकर्ता और मैरिएट जैसे वैश्विक ब्रांड आखिरकार क्‍या प्रतिक्रिया देते हैं, इसे लेकर काफी सतर्क हैं।

बांग्‍लादेश में मैरिएट होटल एंड रेजिडेंसी प्रॉपर्टी के लिए अनंता होटल्‍स एंड रिजॉर्ट्स लिमिटेड को दिये गये 45 मिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रस्‍तावित लोन के संदर्भ में एक पत्र में द इंटरनेशनल यूनियन ऑफ फूड, एग्रीकल्‍चरल, होटल, रेस्‍टोरेंट, कैटरिंग, टोबैको एंड एलाइड वर्कर्स एसोसिएशन (आइयूएफ) और मानव एवं श्रम अधिकार एनजीओ ग्‍लोबल लेबर जस्टिस (जीएलजे) ने अनुरेाध किया है कि आइएफसी लोन की स्‍वीकृति देने से पहले अतिरिक्‍त परिश्रम करे ताकि प्रोजेक्‍ट के पूरे जीवनकाल में नीतिगत श्रम मानदंड सुनिश्चित हो सकें।

एसएएमएचआइ प्राइवेट लिमिटेड, जोकि भारत में होटल के व्‍यापक पोर्टफोलियो तक पहुंच बनाता है, जिसमें अधिकांश को मैरिएट ब्रांड का दर्जा दिया गया है, को दिये गये 20.95 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन के संदर्भ में एक पत्र में होटल मजदूर पंचायत, होटलों में चलनेवाली ट्रेड यूनियन ने मानव एवं श्रम अधिकार एनजीओ ग्‍लोबल लेबर जस्टिस (जीएलजे) के साथ आरोप लगाया है कि परियोजना सहयोग की आजादी, लिंग आधारित हिंसा, अनुबंधित श्रम पर सीमाओं और उद्योग के लिए प्रमुख स्‍थायी नौकरियों की सबकॉन्‍ट्रैक्टिंग और रहने के भत्‍ते के संबंध में पर्याप्‍त रूप से कर्मचारियों की सुरक्षा नहीं कर रही है जोकि कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को बुनियादी जरूरतें वहन करने और विकास में हिस्‍सा लेने में सक्षम बनाते हैं।

उन्‍होंने पूछा कि आइएफसी यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करेगा कि लोन प्राप्तिकर्ता एसएएमएचआइ और इसका ब्रांडेड परिचालक मैरिएट ट्रेड यूनियंस के साथ बात करे क्‍योंकि वे परियोजना द्वारा कवर होने वाले होटलों के संचालन में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आशिम रॉय, अध्‍यक्ष, होटल मजदूर पंचायत ने कहा, “हमें अपेक्षा है कि एसएएमएचआइ, मैरिएट और उनके फाइनेंशियर्स सुनिश्चित करें कि इस प्रोजेक्‍ट में सभी होटल कर्मचारियों को उचित कामकाजी परिस्थितियों के साथ ही रहने का भत्‍ता दिया जा रहा है। साथ ही उन्‍हें सहयोग की आजादी दी जाये और उनके कर्मचारियों से कोई बदला नहीं लियाजाये जोकि उनकी होटल श्रृंखलाओं में यूनियन बना रहे हैं।”

मैरिएट इंटरनेशनल दुनिया में सबसे बड़ी होटल श्रृंखला है। इसके 127 देशों में 6,500 से अधिक प्रॉपर्टीज हैं और वित्‍त वर्ष 2017 में इसने 22 अरब डॉलर से ज्‍यादा की कमाई की और इन तरजीही लोन के जरिये कंपनी ने अपनी वैश्विक वृद्धि को वित्‍त पोषित किया। भारतमें इसके 100 से अधिक प्रबंधित और/अथवा फ्रैंचाइजी होटल हैं और लगभग 50 होटलों का निर्माण कार्य जारी है या इनका पुनरुद्धार हो रहा है। मैरिएट के 22,000 कमरे इसे भारत में सबसे बड़ी ब्रांडेड होटल श्रृंखला बनाते हैं।

मैरिएट को संभावित हड़तालों का भी सामना कर पड़ सकता है क्‍योंकि संयुक्‍त राष्‍ट्र में 6 शहरों में 8,000 कर्मचारियों ने अधिकृत हड़तालों के लिए अपना मत दिया है। मैरिएट के 12,000 से ज्‍यादा कर्मचारियेां का अनुबंध समाप्‍त हो गया है और वे नौकरी की सुरक्षा को लेकर बेहतर मानदंड हासिल करने के लिए वार्ता कर रहे हैं। साथ ही होटल दिग्‍गज से उन कर्मचारियों के लिए अधिक की मांग कर रहे हैं जिनका कहना है कि वे उन शहरों में रहना वहन नहीं कर सकते जहां मैरिएट फल-फूल रहा है।

जेनिफर(जेजे) रोजेनबॉम, ग्‍लोबल लेबर जस्टिस के अमेरिकी निदेशक ने बताया कि, “इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन मैरिएट को जटिल अमेरिकी श्रम नीति जिसमें “कार्य करने का अधिकार”की नीतियां भी शामिल हैं, को एक्‍सपोर्ट करने में सक्षम बना रहा है। यह मानव एवं श्रम अधिकारों पर अंतर्राष्‍ट्रीयश्रम संगठन के मानकों के खिलाफ हैं। हम सर्वश्रेष्‍ठ प्रणालियों पर आइएफसी के साथ वार्ता करने के लिए तत्‍पर हैं ताकि इन परियोजना मॉडलों को सम्‍मानित कार्य और सामाजिक रूप से जिम्‍मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लायक बनाया जा सके।”
 
businesswire.com पर सोर्स विवरण देखें: https://www.businesswire.com/news/home/20180918005811/en/
 
संपर्क:
ग्‍लोबल लेबर जस्टिस
नैजली सोभी डैमैसियो, +1 312-687-8360
[email protected]

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