'टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टिट्यूट' द्वारा विकसित की गई ये दोनों तकनीकें, सबसे चुनौतीपूर्ण परिवेशों में सुरक्षित और लचीला संचालन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। उन्हें UAV निर्माताओं के लिए अनुकूलित किया गया है, जिसके चलते वे ऑटोनॉमस हवाई संचालनों में लचीलापन, सटीकता और सुरक्षा प्रदान करती हैं। मध्य-पूर्व की सबसे बड़ी डिफ़ेंस प्रदर्शनी IDEX 2025 में, VentureOne, ADASI और TII के बीच हुए समझौते को औपचारिक रूप दिया गया। इस प्रदर्शनी में Saluki और Perceptra का अनावरण भी किया गया।
ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) तकनीक लंबे समय से नेविगेशन का बुनियादी स्तंभ रही है, जो स्मार्टफ़ोन पर हमारे द्वारा रोज़ाना इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप्लिकेशन्स को सपोर्ट करने से लेकर रक्षा क्षेत्र और सैन्य कार्रवाइयों में भी अहम भूमिका निभाती है। हालाँकि, GPS तकनीक पर इस व्यापक निर्भरता की वजह से इसकी कुछ कमज़ोरियाँ भी सामने आई हैं, जिनका जैमिंग और स्पूफ़िंग जैसी तकनीकों से फ़ायदा उठाया जा सकता है। जैमिंग तब होती है, जब एक ही फ़्रीक्वेंसी वाले सिग्नल्स GPS रिसीवर्स को नाकाम कर देते हैं, जिससे लोकेशन की सटीक ट्रैकिंग नहीं हो पाती, जबकि स्पूफ़िंग में रिसीवर्स को धोखा देने के लिए फ़र्ज़ी सिग्नल्स भेजे जाते हैं, जिसकी वजह से रिसीवर पोज़िशन और समय का गलत हिसाब लगाने लगते हैं। इन कमज़ोरियों की वजह से नेविगेशन की सटीकता पर निर्भर रहने वाले क्षेत्रों, जैसे कि ऑटोनॉमस ड्रोन्स, कमर्शियल एविएशन और सैन्य एयरक्राफ़्ट के लिए बड़े जोखिम पैदा हो सकते हैं।
रक्षा क्षेत्र और सुरक्षा से जुड़े मामलों में, गलत GPS सिग्नल मिशन की सफलता और उसमें शामिल लोगों की सुरक्षा पर असर डाल सकते हैं, जबकि एविएशन के मामले में, नेविगेशन से जुड़ी गड़बड़ियाँ फ़्लाइट को उसके रास्ते से भटका सकती हैं और संचालन से जुड़ी रुकावटें पैदा कर सकती हैं। साल 2024 में आई Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एविएशन इंडस्ट्री और अंतरराष्ट्रीय नियामक, जैसे कि IATA और यूरोपीय नियामक EASA, GPS हस्तक्षेप से जुड़ी इसी तरह की शिकायतों का तत्काल समाधान ढूँढ़ रहे थे।
खास तौर पर एविएशन से लेकर रक्षा जैसे क्षेत्रों में लगातार बदलने वाले या बेहद जोखिमपूर्ण परिवेशों में, ड्रोन और स्वचालित वाहन जैसे ऑटोनॉमस सिस्टम्स को पोज़िशनिंग से जुड़ी सटीक जानकारी लगातार न मिलने पर सुरक्षा से जुड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। जैसे-जैसे GPS पर निर्भर रहने वाले सिस्टम्स का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे नेविगेशन के लचीले और वैकल्पिक समाधानों की ज़रूरत बढ़ती जा रही है। Perceptra और Saluki में आज के उन्नत विज़न-आधारित नेविगेशन से जुड़ी कई चुनौतियों से निपटने की क्षमता है, जिसकी वजह से वे मुश्किल हालात में भी भरोसेमंद ढंग से काम कर सकते हैं।
TII की CEO, डॉ. नजवा आराज ने कहा, "अपनी GPS रहित क्षमताओं की वजह से Perceptra और अपने Zero Trust आर्किटेक्चर की वजह से Saluki, ऑटोनॉमस नेविगेशन के क्षेत्र में एक लंबी छलाँग को दर्शाते हैं और कई क्षेत्रों में बदलाव लाने की संभावना रखते हैं। कमर्शियल फ़्लाइट्स में यात्रा को सुरक्षित बनाने, सटीक नेविगेशन के साथ खोज और बचाव अभियानों में भूमिका निभाने से लेकर घनी आबादी वाले शहरों में शहरी ड्रोन के ज़रिए लॉजिस्टिक्स सुविधा को कुशल बनाने तक, इन तकनीकों का वास्तविक जगत में व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें ज़रूरत के हिसाब से ढाला भी जा सकता है, जिसकी वजह से ये रक्षा के क्षेत्र में बहुमूल्य साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये सबसे चुनौतीपूर्ण परिवेशों में भी उतार-चढ़ावों के बीच सुरक्षित ढंग से काम कर सकते हैं। यह सहयोग नागरिकों और रक्षा क्षेत्र, दोनों की ज़रूरतों को पूरी करने वाली उन्नत और दोतरफ़ा इस्तेमाल वाली तकनीकें विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाने के साथ-साथ यूएई को अगली पीढ़ी के ऑटोनॉमस सिस्टम्स के लीडर के तौर पर पेश करता है।"
Perceptra एक विज़न-आधारित सिस्टम है, जो GPS के बिना भी विश्वसनीय नेविगेशन सुनिश्चित करता है। इसका इस्तेमाल करके एरियल प्लैटफ़ॉर्म उन परिवेशों में भी काम कर सकते हैं, जहाँ GNSS उपलब्ध नहीं है। यह विज़ुअल रीलॉकिंग की सुविधा देता है और इसकी वजह से नेविगेशन में कम गड़बड़ियाँ होती हैं, साथ ही इसे खुफ़िया कामों, निगरानी, टोह लेने और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए बनाए गए प्लैटफ़ॉर्म्स के साथ भी आसानी से एकीकृत किया जा सकता है।
Saluki, Zero Trust आर्किटेक्चर पर बना एक सुरक्षित, हाई-परफ़ॉर्मेंस फ़्लाइट कंट्रोलर और मिशन कंप्यूटर है। PX4 के साथ अपनी संगतता, Gen AI क्षमताओं और 300 TOPS की कंप्यूट पावर के साथ, यह मिशन के लिए बेहद ज़रूरी डिफ़ेंस ऐप्लिकेशन्स के लिए एक से ज़्यादा वाहनों के प्रबंधन की सुविधा देता है।
ADASI के CEO, श्री जूमा अल काबी ने कहा, "ADASI में, हम सिर्फ़ सबसे उन्नत और मैदान में खुद को साबित कर चुकी तकनीकों को एकीकृत करते हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि हमारे UAV सबसे प्रतिस्पर्धी परिवेशों में भी बेजोड़ सटीकता, लचीलेपन और सुरक्षा के साथ काम करते हैं। Perceptra और Saluki में वह सब कुछ है, जो अगली पीढ़ी के UAV के लिए चाहिए: सुरक्षित, GPS-स्वतंत्र नेविगेशन और AI-संचालित मिशन कंट्रोल।”
VentureOne के कार्यवाहक CEO, रेदा निधाकू ने कहा, "VentureOne उद्योगों पर सकारात्मक असर डालने और उनमें बदलाव लाने के लिए अत्याधुनिक रिसर्च का इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। Saluki और Perceptra आने वाले कई नए इनोवेशन्स में से महज़ दो इनोवेशन हैं, जो रक्षा क्षेत्र से शुरू होकर अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन्स का ज़्यादा लचीला और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। हम एरियल ऑटोनॉमी और सुरक्षा के और भी विस्तृत पोर्टफ़ोलियो पर काम कर रहे हैं, जो भविष्य में ड्रोन के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाएगा।"
पिछले हफ्ते, TII ने एयर कॉरिडोर डिज़ाइन के लिए उन्नत पद्धतियाँ विकसित करके नियामक प्रयासों का समर्थन करने के लिए जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी (GCAA) के साथ मिलकर काम करने की घोषणा की थी। इन पद्धतियों का उद्देश्य उड़ान मार्गों को प्रभावी ढंग से संचालित करना, जटिल शहरी एयरस्पेस में हवाई दुर्घटनाओं का जोखिम कम करना तथा पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस ड्रोन टैक्सी, दोनों के लिए सुरक्षित और कुशल नेविगेशन सुनिश्चित करना है। Perceptra और Saluki के साथ ये प्रयास, अगली पीढ़ी के नेविगेशन और AI-संचालित ऑटोनॉमी के क्षेत्र में सबसे आगे रहने के अबू धाबी के विज़न को मज़बूत बनाते हैं।
VentureOne और TII, दोनों ही एडवांस्ड टेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल (ATRC) का हिस्सा हैं, जो पूरी दुनिया पर सकारात्मक असर डालने वाली बदलावकारी तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए अबूधाबी के शोध और विकास इकोसिस्टम की देखरेख करती है। ADASI, उन्नत टेक्नोलॉजी और डिफ़ेंस समूह, EDGE Group का हिस्सा है।
सूत्र: AETOSWire
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