एशियाई प्रोडक्टिविटी ऑर्गेनाइज़ेशन (एपीओ) की वार्षिक ग्रीन प्रोडक्टिविटी एडवाइज़री (जीपीए) काउंसिल की उद्घाटन वाली मीटिंग 14 से 15 अप्रैल, 2025 तक जापान के ओसाका में आयोजित की गई।
टोक्यो विश्वविद्यालय के एमेरिटस प्रोफ़ेसर Ryoichi Yamamoto की अध्यक्षता वाली जीपीए काउंसिल में फिजी, जापान, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के सदस्य शामिल हैं और यह एपीओ सेक्रेटरी जनरल डॉ. Indra Pradana Singawinata को समाधान पर आधारित, कार्रवाई के लिए तैयार किए गए, एशिया-केंद्रित जीपी 2.0 ईकोसिस्टम के विकास पर सलाह देती हैं।
सेक्रेटरी जनरल डॉ. Indra ने जीपी 2.0 इकोसिस्टम की अवधारणा के साथ-साथ इसके सात एलिमेंट्स में से तीन: जीपी रेटिंग सिस्टम; जीपी गाइडबुक; और जीपी मैपिंग पर भी में सचिवालय द्वारा की गई प्रगति की रिपोर्ट दी। इसके अतिरिक्त, जीपी रेटिंग सिस्टम और जीपी मैपिंग के प्रोटोटाइप का अनावरण किया गया और पहली समीक्षा के लिए जीपीए काउंसिल के सामने प्रदर्शित किया गया। काउंसिल के सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों ने व्यावहारिक फ़ीडबैक दिया और जीपी 2.0 ईकोसिस्टम और इसके ऐलिमेंट्स के पूरे डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए एडजस्टमेंट का सुझाव दिया।
प्रोफ़ेसर Yamamoto द्वारा 1994 में परिभाषित जीपी के सिद्धांतों को जीपी 2.0 ईकोसिस्टम में शामिल करने के लिए जीपीए परिषद की कोशिशों की अहमियत को 14 अप्रैल की शाम को ब्लू ओशन डोम (बीओडी), एक्सपो 2025 ओसाका में आयोजित एक खास प्रस्तुति वाले सेशन में उजागर किया गया, जहाँ परिषद के सदस्यों ने GP 2.0 ईकोसिस्टम की ओर देखते हुए फिजी, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर और थाईलैंड में जीपी की भावना में स्थिरता संबंधी पहल को लागू करने में पिछले और राष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली मौजूदा कोशिशों पर प्रकाश डाला। सेशन में बीओडी सेशन के मेजबान, ज़ेडईआरआई जापान के अध्यक्ष Yusuke Saraya के स्वागत भाषण शामिल थे; जीपीए काउंसिल के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर Yamamoto द्वारा उद्घाटन भाषण; H.E. Agni Deo Singh द्वारा दिया गया एक वीडियो मैसेज जो कि फिजी के रोज़गार, उत्पादकता और कार्यस्थल संबंध मंत्री हैं; और परिषद के सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा लाइव प्रस्तुतियाँ।
अपने संबोधन में, मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रीय विकास योजना के उप मंत्री (बीएपीपीईएनएएस) Febrian A. Ruddyard ने दशकों के औद्योगिकीकरण के बाद पर्यावरण पर पड़ रहे भारी दबाव को बढ़ाए बिना सतत विकास हासिल करने के लिए हरित परिवर्तन और जीपी के महत्व पर जोर दिया। खास प्रस्तुति वाले सेशन का समापन एपीओ महासचिव डॉ. Indra के समापन भाषण के साथ हुआ, जिसके बाद इंडोनेशिया की दवा निर्माता कंपनी Biofarma की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाला एक वीडियो दिखाया गया, जो जीपी के क्रियान्वयन का एक मौजूदा उदाहरण है, जिसमें दिखाया गया कि कैसे प्रमाणित जीपी तकनीकों के इस्तेमाल से न सिर्फ़ उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि जीवन को बचाने में भी सफलता मिली है।
15 अप्रैल की सुबह जब जीपीए काउंसिल फिर से इकट्ठा हुई, तो दो मेहमान व्याख्याताओं द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिससे जीपी 2.0 की रणनीतिक दिशा पर विचार-विमर्श को बड़े स्तर पर ले जाने में मदद मिली। जीपी 2.0 ईकोसिस्टम के विकास पर आखिर में दिए गए सुझावों पर सहमति बनी, जो आगामी साल में एपीओ सेक्रेटेरिएट की कोशिशों का मार्गदर्शन करेगी। ये सुझाव मई 2025 में जकार्ता में आयोजित होने वाले एपीओ गवर्निंग बॉडी के 67वें सेशन में भी प्रस्तुत किए जाएँगे।
एपीओ के बारे में जानकारी
एशियन प्रोडक्टिविटी ऑर्गेनाइज़ेशन (एपीओ) एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जो आपसी सहयोग के ज़रिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रोडक्टिविटी में सुधार लाने के लिए समर्पित है। यह गैर-राजनीतिक, गैर-लाभकारी और गैर-भेदभावपूर्ण है। आठ संस्थापक सदस्यों के साथ 1961 में स्थापित, एपीओ में फ़िलहाल 21 सदस्य अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं: बांग्लादेश; कंबोडिया; चीन गणराज्य; फिजी; हांगकांग; भारत; इंडोनेशिया; इस्लामी गणराज्य ईरान; जापान; कोरिया गणराज्य; लाओ पीडीआर; मलेशिया; मंगोलिया; नेपाल; पाकिस्तान; फिलीपींस; सिंगापुर; श्रीलंका; थाईलैंड; टर्की; और वियतनाम।
एपीओ राष्ट्रीय नीति सलाहकार सेवाओं, थिंक टैंक के रूप में काम करते हुए, संस्था के अंदर क्षमता निर्माण से जुड़ी पहलों और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ज्ञान साझा करके अपने सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर क्षेत्र के भविष्य को आकार दे रहा है।
घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है।
तस्वीरें/मल्टीमीडिया गैलरी उपलब्ध: https://www.businesswire.com/news/home/20250415110326/en
Contacts
ज़्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें:
डिजिटल इन्फ़ॉर्मेंशन यूनिट, एपीओ:
[email protected]
वेबसाइट: https://www.apo-tokyo.org
स्रोत: The Asian Productivity Organization
टोक्यो विश्वविद्यालय के एमेरिटस प्रोफ़ेसर Ryoichi Yamamoto की अध्यक्षता वाली जीपीए काउंसिल में फिजी, जापान, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड के सदस्य शामिल हैं और यह एपीओ सेक्रेटरी जनरल डॉ. Indra Pradana Singawinata को समाधान पर आधारित, कार्रवाई के लिए तैयार किए गए, एशिया-केंद्रित जीपी 2.0 ईकोसिस्टम के विकास पर सलाह देती हैं।
सेक्रेटरी जनरल डॉ. Indra ने जीपी 2.0 इकोसिस्टम की अवधारणा के साथ-साथ इसके सात एलिमेंट्स में से तीन: जीपी रेटिंग सिस्टम; जीपी गाइडबुक; और जीपी मैपिंग पर भी में सचिवालय द्वारा की गई प्रगति की रिपोर्ट दी। इसके अतिरिक्त, जीपी रेटिंग सिस्टम और जीपी मैपिंग के प्रोटोटाइप का अनावरण किया गया और पहली समीक्षा के लिए जीपीए काउंसिल के सामने प्रदर्शित किया गया। काउंसिल के सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों ने व्यावहारिक फ़ीडबैक दिया और जीपी 2.0 ईकोसिस्टम और इसके ऐलिमेंट्स के पूरे डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए एडजस्टमेंट का सुझाव दिया।
प्रोफ़ेसर Yamamoto द्वारा 1994 में परिभाषित जीपी के सिद्धांतों को जीपी 2.0 ईकोसिस्टम में शामिल करने के लिए जीपीए परिषद की कोशिशों की अहमियत को 14 अप्रैल की शाम को ब्लू ओशन डोम (बीओडी), एक्सपो 2025 ओसाका में आयोजित एक खास प्रस्तुति वाले सेशन में उजागर किया गया, जहाँ परिषद के सदस्यों ने GP 2.0 ईकोसिस्टम की ओर देखते हुए फिजी, इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर और थाईलैंड में जीपी की भावना में स्थिरता संबंधी पहल को लागू करने में पिछले और राष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली मौजूदा कोशिशों पर प्रकाश डाला। सेशन में बीओडी सेशन के मेजबान, ज़ेडईआरआई जापान के अध्यक्ष Yusuke Saraya के स्वागत भाषण शामिल थे; जीपीए काउंसिल के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर Yamamoto द्वारा उद्घाटन भाषण; H.E. Agni Deo Singh द्वारा दिया गया एक वीडियो मैसेज जो कि फिजी के रोज़गार, उत्पादकता और कार्यस्थल संबंध मंत्री हैं; और परिषद के सदस्यों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा लाइव प्रस्तुतियाँ।
अपने संबोधन में, मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रीय विकास योजना के उप मंत्री (बीएपीपीईएनएएस) Febrian A. Ruddyard ने दशकों के औद्योगिकीकरण के बाद पर्यावरण पर पड़ रहे भारी दबाव को बढ़ाए बिना सतत विकास हासिल करने के लिए हरित परिवर्तन और जीपी के महत्व पर जोर दिया। खास प्रस्तुति वाले सेशन का समापन एपीओ महासचिव डॉ. Indra के समापन भाषण के साथ हुआ, जिसके बाद इंडोनेशिया की दवा निर्माता कंपनी Biofarma की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाला एक वीडियो दिखाया गया, जो जीपी के क्रियान्वयन का एक मौजूदा उदाहरण है, जिसमें दिखाया गया कि कैसे प्रमाणित जीपी तकनीकों के इस्तेमाल से न सिर्फ़ उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि जीवन को बचाने में भी सफलता मिली है।
15 अप्रैल की सुबह जब जीपीए काउंसिल फिर से इकट्ठा हुई, तो दो मेहमान व्याख्याताओं द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिससे जीपी 2.0 की रणनीतिक दिशा पर विचार-विमर्श को बड़े स्तर पर ले जाने में मदद मिली। जीपी 2.0 ईकोसिस्टम के विकास पर आखिर में दिए गए सुझावों पर सहमति बनी, जो आगामी साल में एपीओ सेक्रेटेरिएट की कोशिशों का मार्गदर्शन करेगी। ये सुझाव मई 2025 में जकार्ता में आयोजित होने वाले एपीओ गवर्निंग बॉडी के 67वें सेशन में भी प्रस्तुत किए जाएँगे।
एपीओ के बारे में जानकारी
एशियन प्रोडक्टिविटी ऑर्गेनाइज़ेशन (एपीओ) एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जो आपसी सहयोग के ज़रिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रोडक्टिविटी में सुधार लाने के लिए समर्पित है। यह गैर-राजनीतिक, गैर-लाभकारी और गैर-भेदभावपूर्ण है। आठ संस्थापक सदस्यों के साथ 1961 में स्थापित, एपीओ में फ़िलहाल 21 सदस्य अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं: बांग्लादेश; कंबोडिया; चीन गणराज्य; फिजी; हांगकांग; भारत; इंडोनेशिया; इस्लामी गणराज्य ईरान; जापान; कोरिया गणराज्य; लाओ पीडीआर; मलेशिया; मंगोलिया; नेपाल; पाकिस्तान; फिलीपींस; सिंगापुर; श्रीलंका; थाईलैंड; टर्की; और वियतनाम।
एपीओ राष्ट्रीय नीति सलाहकार सेवाओं, थिंक टैंक के रूप में काम करते हुए, संस्था के अंदर क्षमता निर्माण से जुड़ी पहलों और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ज्ञान साझा करके अपने सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर क्षेत्र के भविष्य को आकार दे रहा है।
घोषणा (अस्वीकरण): इस घोषणा की मूलस्रोत भाषा का यह आधिकारिक, अधिकृत रूपांतर है। अनुवाद सिर्फ सुविधा के लिए मुहैया कराए जाते हैं और उनका स्रोत भाषा के आलेख से संदर्भ लिया जा सकता है और यह आलेख का एकमात्र रूप है जिसका कानूनी प्रभाव हो सकता है।
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वेबसाइट: https://www.apo-tokyo.org
स्रोत: The Asian Productivity Organization
